प्रसिद्ध संचार शास्त्री एडविन एमरी (Edwin Emery) ने कहा था "सूचना विचारों और अभिव्यक्तियों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सम्प्रेषित करने की कला का नाम है।" आज का युग संचार का युग है। संचार से सम्बंधित प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी प्रगति हुई है। संचार की इस यात्रा पर अगर एक सूक्ष्म दृष्टि डालें तो पता चलता है कि तकनीकी सरलता से उत्पन्न आविष्कारों के पहले और सबसे नाटकीय उदाहरणों में टेलीग्राफ और टेलीफोन थे, इसके बाद वायरलेस रेडियो और टेलीफोटो डिवाइस जैसे अन्य आविष्कार हुए। लोकप्रिय समाचार पत्रों और पत्रिकाओं, प्रसारण, चलचित्र और टेलीविजन के विकास ने संस्थागत और सांस्कृतिक नवाचारों को जन्म दिया, जिसने कुछ व्यक्तियों और बड़ी आबादी के बीच कुशल और तेज़ संचार की अनुमति दी; ये मीडिया जन संचार की नई घटना के उदय और सामाजिक शक्ति के लिए जिम्मेदार रहे हैं। जनसंचार में रेडियो, समाचार पत्र-पत्रिकाएं, 24 घंटे के टीवी न्यूज चैनल, न्यूज वेबसाइट्स, सोशल मीडिया अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इन समाचार माध्यमों में टीवी न्यूज चैनल दर्शकों तक समाचार पहुँचाने में एक बड़ा रोल निभा रहे हैं। भारत में टेलीविजन न्यूज चैनलों की यात्रा बहुत लंबी नहीं है। 90 के दशक में टीवी न्यूज चैनलों ने आकार लेना प्रारंभ किया और साढ़े तीन दशक की यात्रा में ही ये लोकप्रियता के शिखर पर पहुँच गए हैं। टीवी पत्रकारिता की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण उसकी ऑडियो-वीडियो की विशेषता है। चूँकि भारत में न्यूज चैनलों की यात्रा बहुत लंबी नहीं है, इसलिए इस पर अभी तक प्रमाणिक पुस्तकों की कमी है।